चलते जाना हैं!!

चलते जाना हैं!!

जो तूफ़ान है सीने मैं उसको कौन बुझाए।
जो दर्द है जीने मैं उसको कौन बताए।।
कुछ पाकर जो खो दिया उसको फिर कहाँ से पाये।
फिर भी ये कौन सी रौशनी है ,जो दूर क्षितिज पर दिखती है।।
ये कैसी राह है, जो मुझे अपनी ओर खिंचती है।।
ये पुकार है मेरे कल की, या यू ही कोई बहाना है।।
ख़ैर मगर मेरे साथी, हमको तो चलते जाना हैं।।।हमको तो चलते जाना हैं।।

Aditi

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